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ययाति सिंड्रोम

ययाति सिंड्रोम डॉ.रवीन्द्र पस्तोर प्रस्तावना  दोस्तों ! सनातन धर्म में कहानियों के माध्यम से ज्ञान देने के लिये हर तरह की कहानियां उपलब्ध है। जरुरत है उन्हें आधुनिक सामाजिक समस्यों के निदान के लिए उपयोग करने के लिये उनकी व्याख्या आधुनिक तरीके से किये जाने की। यह मनोवैज्ञानिक समस्याऐं है जो मानव के जन्म से ही चली आ रही है। इन समस्यों का हल भी मनोवैज्ञानिक ही होगा। मतलब सही समझ विकसित कर इनका निदान करना।  क्या आप को पता है कि पिता पुत्र का झगड़ा आदि काल से चला आ रहा है। भारतीय पुराणों तथा भागवत कथा में एक कहानी है सनत कुमारों की। जब ब्रम्हा जी ने सृष्टि का निर्माण करने का निश्चय किया तो इन्होंने अपने काम में सहायता के लिए चार मानस पुत्रों को जन्म दिया। उनके नाम थे सनक, सनंदन, सनातन और सनत कुमार। जब इनके पिता ब्रम्हा ने इन्हें सृष्टि निर्माण में सहयोग करने का आदेश दिया, तो इन चारों ने मना कर दिया और चिर कुमार रह कर ज्ञान के विस्तार का काम चुना।  मानव इतिहास में यह पहले पुत्र थे जिन्होंने अपने पिता का आदेश ना मान कर पिता के प्रीति विद्रोह किया।  हर माता पिता अपनी अतृप्त क...